नीतीश और केजरीवाल की नजदीकियों से बने नए समीकरण

[dc]नीतीश[/dc] कुमार और अरविंद केजरीवाल के बीच पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही नजदीकियों के पीछे छुपे मंतव्यों पर से पर्दा उठा दिया गया है। बिहार में होने जा रहे प्रतिष्ठापूर्ण विधानसभा चुनावों को लेकर केजरीवाल ने नीतीश कुमार के पक्ष में अपने समर्थन की खुली घोषणा कर दी है। केजरीवाल इस सिलसिले […]

बढ़ सकती हैं शिवराज की मुसीबतें

[dc]व्यावसायिक[/dc] परीक्षा मंडल के कुख्यात फर्जीवाड़े में मध्यप्रदेश का समूचा राजनीतिक घटनाक्रम दिल्ली में तैयार की गई स्क्रिप्ट के मुताबिक ही चल रहा है। भोपाल का रोल समाप्त हो गया नजर आता है। रविवार की रात तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अड़े हुए थे कि कोई पैंतालीस लोगों की रहस्यमय परिस्थितयों में जान लेने वाले […]

राम माधव के ट्वीट और रंग में भंग

[dc]राम[/dc] माधव अब चाहते हैं कि योग के कार्यक्रम को लेकर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लक्ष्य कर किए गए ट्वीट्स से उपजे विवाद पर ठंडा पानी पड़ जाए, पर शायद ऐसा नहीं भी हो। विपक्षी दलों को इस समय सरकार पर अपने हमले तेज करने के लिए बिना सड़कों पर उतरे हुए मुद्दों की तलाश […]

आडवाणी, आपातकाल और नरेन्द्र मोदी

देश में फिर से आपातकाल की आशंकाओं वाले भाजपा के पितृपुरुष लालकृष्ण आडवाणी के इंटरव्यू पर विपक्ष के जिन भी उत्साही नेताओं ने राजनीतिक सट्टा लगाया होगा वे सभी अब अपनी हथेलियों को खीज के साथ मसल रहे होंगे।

बिहार चुनाव तय करेंगे देश की राजनीति की शक्ल

[dc]लालू[/dc] प्रसाद यादव अगर नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं तो समझ लिया जाना चाहिए कि दांव पर किस-किस का भविष्य लगा है और परिणामों के बाद देश की राजनीति की शक्ल क्या बनाने वाली है। [dc]लालू[/dc] एक समझदार राजनीतिज्ञ हैं और उन्हें पता है […]

बुच साहब की अनुपस्थिति लंबे अरसे तक खलेगी

[dc]मध्‍य प्रदेश[/dc] की राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित हरियाली से आच्छादित उस बंगले पर अब वैसी चहल-पहल नहीं रहने वाली है और न ही वैसी कोई कड़क आवाज़ ही गूंजने वाली है, जो महेश नीलकंठ बुच नाम की एक असाधारण शख्सियत की उपस्थिति में बनी रहती थी। आमतौर पर नौकरशाहों के शहर के तौर […]

अपनी शर्तों पर पत्रकारिता करते थे विनोद मेहता

[dc]विनोद[/dc] मेहता का चले जाना इन मायनों में बड़ा नुकसान है कि अपनी शर्तों पर पत्रकारिता करने वाला उनके कद का संपादक-पत्रकार अब हमारे ‍बीच मौजूद नहीं रहेगा। देश में पत्रकारिता जिस तरह से पल-पल में करवटें बदल रही हैं, विनोद मेहता की कमी का सार्वजनिक रूप से स्मरण करना और उनके जैसा संपादक बनने […]