तिलक जैसी पत्रकारिता समय की मांग: श्रवण गर्ग

भास्कर न्यूज नेटवर्क, पुणे

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य तिलक की पत्रकारिता की आज के समय में आवश्यकता है। लेकिन वह पत्रकारिता दिखाई नहीं देती। यह बात दैनिक भास्कर के समूह संपादक श्रवण गर्ग ने बुधवार को कही।

Shravan Garg Tilak Award

केसरी-मराठा ट्रस्ट द्वारा गर्ग को पत्रकारिता क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने के लिए लोकमान्य तिलक पत्रकारिता राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूर्व में एन. राम, वीर संघवी तथा एचके दुआ इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। इस अवसर पर श्रवण गर्ग ने कहा कि जनहित के लिए सरकार से संघर्ष कर जेल में जाने की हिम्मत आज की पत्रकारिता दिखाएगी क्या? वास्तव में लोकमान्य तिलक की पत्रकारिता की आज के समय में आवश्यकता है। केसरी द्वारा मुझे प्रदान किया गया यह पुरस्कार मेरे आज तक किए हुए कार्य का मूल्यांकन जैसा है। यह मेरे लिए आनंद का क्षण है। इस पुरस्कार ने मेरे सामने पत्रकारिता की विश्वसनीयता बरकरार रखने की बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी तीर्थयात्रा पर हूं। इस नारायण पेठ में स्वतंत्रता की कई कहानियां हैं। नारायण पेठ की स्वतंत्रता की कहानियों की खोज कर जनता तक पहुंचनी चाहिए। मैं पिछले 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूं, लेकिन मेरे काम का इतनी खूबसूरती से मूल्यांकन होगा यह मैंने कभी सोचा भी नहीं था’।

राजनीति के बारे में गर्ग ने कहा कि लोकपाल को संसद में समर्थन देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उस नेता को पार्टी में स्वीकार कर लिया है जिसे बसपा ने भ्रष्टाचार के कारण पार्टी से निकाल बाहर किया था। यह अनुचित है। राजनीति बाहर से जैसी दिखती है वैसी नहीं है। समारोह में केसरी-मराठा ट्रस्ट के न्यासी डॉ. दीपक तिलक, रोहित तिलक, वरिष्ठ पत्रकार एसके कुलकर्णी और अन्य लोग भी उपस्थित थे।

इस मौके पर लोकमान्य तिलक द्वारा लिखे संपादकीय पर आधारित एसके कुलकर्णी द्वारा संपादित अक्षर वांग्मय का विमोचन भी श्रवण गर्ग के हाथों किया
गया।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *