इतिहास की खोज

काग़ज़ों से नहीं डरा मैं
इतना पहले कभी भी।
स्‍याही का रंग
चेहरे पर पुती कालिख
से भी होता है ज्‍़यादा गहरा।
तुम नाहक ही कर रहे हो
कोशिश, किताबों से खींचकर
फाड़े गए पन्‍नों को
तलाश करने की
संग्रहालयों में।
ठिकानों पर,
केवल पहाड़ ढूंढ़े जा सकते हैं।
इतिहास से अलग हुए
पन्‍ने नहीं।

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